अफ्रीकी लंबा मक्का, जिसे चारा मक्का के रूप में भी जाना जाता है, एक उच्च उपज देने वाली किस्म है जो प्रचुर मात्रा में हरे चारे के उत्पादन के लिए जानी जाती है, जो इसे पशुधन चारे के लिए आदर्श बनाती है । यह लम्बे आकार में उगने वाली मक्का की किस्म है, जिसकी ऊंचाई 9-11 फीट तक होती है, तथा इसकी विशेषता इसकी उच्च शुष्क पदार्थ सामग्री, कच्चा प्रोटीन, तथा प्रति पौधे असंख्य पत्तियां हैं। यह मक्का हरे चारे, साइलेज और अन्य प्रकार के पशु आहार के लिए उपयुक्त है।
अफ़्रीकी लम्बे मक्का की मुख्य विशेषताएँ:
- उच्च उपज: यह भारी मात्रा में हरा चारा पैदा करता है, आमतौर पर प्रति एकड़ लगभग 16 टन।
- पोषक तत्वों से भरपूर: इसमें 17.65% शुष्क पदार्थ और 11-13% कच्चा प्रोटीन होता है।
- पशुधन के लिए अच्छा: गाय, भैंस, बकरी और भेड़ के लिए चारे के रूप में अत्यधिक उपयुक्त।
- बहुमुखी उपयोग: इसका उपयोग हरे चारे, साइलेज, स्टैक्स और यहां तक कि मक्के के आटे के लिए भी किया जा सकता है।
- अनुकूलनीय: उचित सिंचाई के साथ इसे विभिन्न मौसमों (खरीफ, रबी और ग्रीष्म) में उगाया जा सकता है।
- उपयुक्त तापमान रेंज: 20°C और 35°C के बीच के तापमान में अच्छी तरह से बढ़ता है।
खेती का विवरण:
- बीज दर: सामान्यतः प्रति एकड़ 16 किग्रा.
- अंतरण: 30 x 15 सेमी अनुशंसित है।
- फसल काटना: आमतौर पर बुवाई के 60-75 दिन बाद दूधिया अवस्था में कटाई करें।
- उर्वरक: मृदा परीक्षण की सिफारिशों के आधार पर एनपीके उर्वरकों का प्रयोग करें या प्रति हेक्टेयर 30:40:20 किलोग्राम एन, फॉस्फोरस और पोटेशियम क्लोराइड की सामान्य सिफारिश करें।
- जल प्रबंधन: उचित सिंचाई की आवश्यकता होती है, विशेषकर पहले कुछ सप्ताहों के दौरान।
अन्य उपयोग:
- साइलेज: अफ्रीकी लंबा मक्का साइलेज बनाने के लिए उत्कृष्ट है, जो वर्ष भर खिलाने के लिए चारे के रूप में कार्य करता है।
- अनाज और चारा उत्पादन: इसका उपयोग अनाज और चारा उत्पादन दोनों के लिए किया जा सकता है।